मधेशीके अव और इन्तिजार करवनाई देशके अखण्डता उपर धावा बोलनाई हए :- दिनेश संगम

दिनेश संगम परापुर्व कालसे मधेशी जनताके गुलामी करावेमे सक्षम खस पहाडी सासक वर्गके कारण ही आज २१ वाँ सताव्दीमे नेपालके नाकाबन्दी जइसन परिस्थित भोगके परल देखल गेल हए । विज्ञ सवके अनुसार मधेशी अव गुलामीसे निकल चुकल हए, जेकरा कअनो भी शक्ति फेरसे गुलामीके जनजीरमे जकड नसकईत हए, ईबात अभि भि खस पहाडी सासक लोग नबुझाके कारण देशमे मानवीय संकटके उत्पती भेल हए ।

विगत २०४६ साल से ही मधेशी गुलामीसे निकलेके रास्ता बनवईत आएलासे अभि आके २१ वाँ सताव्दीके समय मधेशी जनता सफल भेल हए, जेकरा फेरसे उ रास्ताके टोडेके प्रयासमे रहल सासक वर्ग, लेकिन अव असम्भव होचुकल हए जे नेपाल सरकरके खव पहाडीया सासक लोग अटेरी कररहल अवस्थाके कारण भारतसे परापुर्वकालके नाता भी टोडेके सम्भावाना बढईत जारहल हए त, मधेशभी पहाड हिमालसे नाता तोडेके ओर उनमुख होईत देखल गले हए । सावनसे शूरु मधेश आन्दोलन मधेशी जन जनमे अईसन छाप बनादेले हए की मधेशके डेढ वरिषके बच्चासे बुढा तकमे मधेशी एकता जिन्दावाद, मधेशीके मागँ पुरा कर, जईसन नाराके बुलन्दी होनाई मधेश अव गुलामीसे निकल्ल सहज रुपमे महसुस कएल जा सकईत हए । संचारके विकास साथे जनताके भी विकाश भेल अभितक नेपालके सासक लोगके सायद मालुम नभेल जइसन लागल हए । अभिके प्रसंग देखल जाएत हर समय मधेशके दवावेके आ बदनाम करके नियतसे विभिन्न सरकार आ गैर सरकारी केन्द्रीय मिडियाके प्रसारित सामाचरके मधेशी जनता पुर्ण रुपमे पहिचान कर रहल देखल गेल हए । पहाडीया सासक लोग अपन ओहदा भुलके सिधा राता रात दिन प्रति दिन विदेश या विदेशी एम्वेसीमे दौडलापर भी कओनो प्रकारके मेडिया वाजी नहोएके आ मधेशी नेता लोग एक दिने कओनो समय कोनोके बोलएलापर विदेश या विदेशीके एम्वेसीमे गेला पर सरासर देश द्रोही काम भेल टिप्पणीसे मधेशी जनतामे और भी पहाडी सासक और मिडीया प्रति आक्रोसिम देखल जाईअ । ओहीसे देश बचावेला पहाडी सासकके मधेशी जनता आ मधेशके भावन बुझेके जरुरी रहल देखल गेल हए । अभिके रवैयाके कारण नवलपुरके विरोध सभा देखला पर अगर मधेशी मोर्चा जनताके नियन्त्रणमे नलेले रहईत त सासकके सारा सासन उहेसे छिनेके आ अपने देश बनावेके सुरुआत हो गेल रहईत । सासकके पुलीस प्रशासनके धजिया उडामेमे मधेशी जनता सक्षम होचुकल हए, सायद ई बात सासक बुझे नकरहल हए । जनतामे मोर्चा प्रति लम्हर दवाव आएल श्रोतके दावी रहल हए की, अव अइसे आन्दोलनक कएलासे मधेशीके अधिकार नमिलेवाला हए, आन्दोलनके रुप परिवर्तन करके मधेशके २२ जिल्लाके अपना कव्जामे लेके अपन सरकारके गठन प्रति मधेशी जनताके झाव बढईत जारहल देखल गेल हए ।

समग्र मधेशमे शान्ति तवहिए देशमे शान्ति जइसन नारा विगतमे भि लागल हए, अभि भी लाग रहल ए प्रति समग्र देशके जनता या सासकके सोचनाई जरुर रहल हए । मधेशीके अव और इन्तिजार करवनाई देशके अखण्डान उपर धावा बोलनाई हए । सासक वर्ग पृथ्वी नारायणके सासन विद्यि अपनावेके कोशिसमे उनमुख हए, जे कभि भी कामयाव होएके काअनो सम्भावना हए । प्रशासन प्रमुख, सेना प्रमुख मधेशके अवस्थामे वारेम बहुत पहिलेसे हि अवगत करारहल हए की हमनी मधेशीके दाववेमे नाकामयाव छि, कओनो भी सर्तमे देशके हितके लेल मधेशीसे अधिकार आ साथ लेले चलेला प्रष्ट रुपमे जानकारी करएले अवस्था, जेकरा सासक वर्ग अटेरी कर रहल हए जेसे नेपाल अव विखण्डन होएके ओर जारहल देखल गेल हए । सासक लोगके ई लागल हए की, मधेशी जनता विखण्डन कारी हए , मधेशी आन्दोलन मधेशी मोर्चाके कुच्छ नेताके कारण होरहल हए, ई सव सोचनाई भुल हए । मधेशी जनता कभि ई सोचमे नहए की मधेश देश बने, अधिकार सम्पन्न नेपाल देशही रहे जहाँ हमनीसे ईज्जत आमदके साथ व्यवहार होए । ई मधेश आन्दोलन समग्र मधेशी जनताके आन्दोलन हए जेकरा अधिकार विन शन्ति नकए जासकईत हए । अभि भि सासक वर्ग मधेशीके मागँ अविलम्भ पुरा करनाई जरुर रहल देखल गेल हए । मधेशी कभि भी अपने नेपाल छोडेके नसोची ई भी विश्वास कनाई एकदमे जरुर रहल हए । सासक से जादाँ मधेशीमे नेपाल देश भत्ती अभिके परिस्थितसे सहजे अनुमान कए जा सकईत हए । सासक वर्ग अपन घरके झगडाके अपनेमे मिलावे से जादाँ वारमवार परोसीके सरण लेलसे सासव वर्गके केतना देश भक्त हए आ मधेशी मोर्चा केतना देश भक्त हए ई समग्र नेपाल देश वासीके भी सोचनाई जरुर रहल हए ।

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